अन्त: प्रेरणा के स्वर...
मुक्ति एक स्वभावगत विशेषता है। अगर आप वर्तमान् जीवन में ही बँधे हुए हैं, तो
आप अंतिम मुक्ति की आकांक्षा कैसे कर सकते हैं?
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